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रिलीज़ के पहले ही विवादों में घिर गई ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान

रिलीज़ के पहले ही विवादों में घिर गई ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान : 18 नवम्बर को रिलीज होने वाली आदित्य चोपड़ा की फिल्म 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' के विरोध में महराजगंज के सिविल कोर्ट के अधिवक्ता विनय पांडेय ने आमिर खान और आदित्य चोपड़ा के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है. फिल्म के विषय में अधिवक्ता विनय पांडेय ने मीडिया से कहा कि 30 नवम्बर को उन्होंने सोशल मीडिया पर मूवी का प्रोमो देखा, जिसमें उसका टाइटिल उन्हें आपत्तिजनक लगा और उसमें आजादी के नायकों को ठग्स शब्द से सम्बोधित किया गया है.
भात भात कहते दम तोडना, यही है हकीकत आज हिंदुस्तान की ? भूख से हर दिन भारत में लगभग ३००० जिन्दगिया तोड़ती है दम - विनय कुमार पाण्डेय अधिवक्ता /ब्लॉगर , डिस्ट्रिक्ट - महाराजगंज , उत्तर प्रदेश  भारत के पहले प्राइम मिनिस्टर नेहरु जी ने अपने भाषण में  ‘नियति से मिलाप’ में  गांधी जी   का नाम लिए बिना कहा भी था कि हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की यही महत्वाकांक्षा रही है कि हर एक व्यक्ति की आंख से आंसू मिट जाएं.  झारखंड के सिमडेगा  प्रखंड की ताताय नायक की 11 साल की बेटी संतोषी कुमारी की 28 सितंबर को मौत हो गई.  अधिकारी कहते हैं कि संतोषी की मौत भूख से नहीं हुई है बल्कि बीमारी से हुई है. उसके परिवार वाले कहते हैं कि उसकी मौत गरीबी व भूख के कारण हुई है.   रामचंद्र गुहा की किताब इण्डिया आफ्टर गांधी बताती है कि यदि भारत में कोई व्यक्ति गरीब है…तो बहुत संभावना है कि वह ग्रामीण क्षेत्र में रहता हो, बहुत संभावना है कि वह अनुसूचित जाति या जनजाति या अन्य सामाजिक रूप से भेदभाव के शिकार तबके का सदस्य हो सकता है, बहुत संभावना है कि वह कुपोषित, बीमार और बुरे स्वास्थ्य का शिकार हो, बहुत संभावना है
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में ठण्ड से माँ बेटे की मौत, केवल एक ही कम्बल था माँ बेटे के पास, प्रेमचंद की कहानी'' कफ़न '' जो बहुत साल पहले लिखी गयी थी आज चरितार्थ हो रही है, शासन , प्रशासन , जिम्मेदार अपने अपने'' महोत्सव ''में बीजी है ?इन्ही सब को लेकर आज हमने इसकी कंप्लेंट नेशनल ह्यूमन राईट कमीशन को किया है,'' अब और नहीं ''ये मेरा कम्पेन है , प्लीज थोडा इधर भी ध्यान देते हुए इस पर अपनी अपनी राय दीजिये, आपका -विनय कुमार अधिवक्ता /मानवाधिकार कार्यकर्ता ,जिला -महाराजगंज, उ.प. २७३३०३, मोब-9839924605
HUMANITY 12 January 2018 at 06:07 भारत में यातना के खिलाफ मजबूत कानून बहुत ही जरूरी सरकारी कर्मियों विशेषकर पुलिस थानों में टार्चर की रोकथाम के लिए'' यातना निवारक विधेयक ''२०१७ को जल्द से जल्द पारित कर कानून के रूप में लाया जाना बहुत ही जरूरी है, क्योकि अभी तक इंडिया ने १९७५ की संधि जो यूनाइटेड नेशन में की है लेकिन उसको अभी तक पुष्टि नहीं किया है, ऐसे में इस संधि को मूर्त रूप देने के लिए इंडिया को संधि के प्रावधानों के अनुसार ही एक डोमेस्टिक लॉ बहुत ही जल्दी बनाने की आवश्यकता है , यातना , मनवा जीवन की गरिमा को गिराने का एक brutal एक्ट है जो ह्यूमन राईट का नितांत उल्लंघन है, हिरासत में अपराध से जुड़ी विधि आयोग की 152वीं रिपोर्ट में भी यातना को दंडनीय बनाने के लिए कानून में परिवर्तन करने के लिए suggestकिया है , किसी अपराध की जांच के दौरान किसी की स्वीकारोक्ति या जानकारी हासिल करने के लिए उसे यातना देने वाले लोक सेवक को दंडित किया जाना चाहिए , निष्कर्ष यह है की जितना जल्दी हो सके यातना के खिलाफ अब कानून बन जाना चाहिए, नहीं तो हमारा देश'' यातन
इंडिया में पुलिस हिरासत में मौतों का आंकड़ा बहुत ही भयावह है, साथ ही साथ पुलिस कस्टडी में यातना (टार्चर )से मौतों में बृद्धि होती जा रही है जो बहुत ही सोचनीय है, इसके प्रिवेंशन के लिए बहुत से सजेसन समय समय पर लॉ कमीशन/ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के द्वारा दिए गए है, लेकिन यातना से हो रही मौतों पर कोई लगाम नहीं लग रहा है , इन्ही सब को लेकर एक जनहित याचिका माननीय इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका ५७४४/ २०१५ विनय कुमार पांडेय बनाम डीजीपी एंड अदर्स दाखिल हुआ, जिसमे यह मांग की गयी की उत्तर प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीवी  अगर लगाए जाए तो कस्टोडियल टार्चर. डेथ रेप में कमी आ सकती है? हाई कोर्ट ने डेट ५ दिसंबर १७ को सुनवाई करते हुए स्टेट गवर्नमेंट को आर्डर किया है की सिक्स मंथ में उत्तर प्रदेश के सभी थानों में कैमरा लगाया जाए, विनय कुमार पांडेय अधिवक्ता  ब्लॉगर